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113 किलो वजन के व्यक्ति की सफलतापूर्वक नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी

पंचकूला, (ग्लोबल न्यूज़) : 113 किलो वजन के व्यक्ति की हाल ही में ओजस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पंचकूला में स्टिच-लेस एंड पेनलेस तकनीक से नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी को सफलतापूर्वक किया गया।
पटियाला के आरके जोशी (63) दोनों घुटनों में ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीडि़त थे। इसके कारण उन्हें नियमित रूप से चलने और रोज़मर्रा के काम करने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। इससे उन्हें बीपी, डायबिटीज और दिल की समस्या के अलावा उनके वजन में भारी वृद्धि हो गयी थी।
डॉ गगनदीप गुप्ता-कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट, जिन्होंने ओजस में स्टिच-लेस एंड पेनलेस तकनीक के साथ 200 से अधिक घुटने की सर्जरी की है, ने बताया कि यह नई तकनीक बहुत लोकप्रिय हो गई है। उन्होंने कहा कि इस नई तकनीक में सर्जरी के दौरान टांके लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है और यह लगभग दर्द रहित है।
डॉ गुप्ता ने कहा कि अधिक वजन या मोटापा घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए एक बाधा नहीं है।
उन्होंने कहा कि अधिक वजन वाले मरीजों को डॉक्टरों द्वारा वजन कम करने और फिर सर्जरी के लिए आने की सलाह दी जाती है। हालांकि जब एक मरीज जो घुटने के गंभीर दर्द के कारण चलने में मुश्किलों का सामना कर रहा होता है, उसे तब अपना वजन कम करना काफी मुश्किल होता है।
लेकिन घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद इसे निश्चित रूप से कम किया जा सकता है क्योंकि रोगी चलना-फिरना और टहलना शुरू कर देता है। डॉ गुप्ता ने बताया कि जब रोगी अपनी कैलोरी को बर्न करने लगता है तो वह अपने वजन भी कम करने में सफलता प्राप्त करता है,
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के इस समय में सर्जरी अधिक चुनौतीपूर्ण है क्योंकि सर्जरी से पहले रोगी के कोविड टेस्ट के साथ-साथ पीपीई किट व एन95 मास्क पहनने के अलावा हमे सुनिश्चित करना होता है कि आईसीएमआर के सभी दिशानिर्देशों का पालन हो।