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राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित
Updated: May 16, 2022

हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा न्यायमूर्ति श्री ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में हरियाणा राज्य भर में इस वर्ष की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हरियाणा के 22 जिलों और 33 उप-मंडलों में किया गया और 190613 केसों में से सभी ऐ0डी0आर0 केन्द्रों में कार्यरत स्थायी लोक अदालतों (सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं) के मामलों सहित सिविल, आपराधिक, वैवाहिक, बैंक-वसूली आदि से संबंधित 110324 मामलों का निपटारा किया गया। कुल मिलाकर 58% प्रतिशत मामलों का निपटारा किया जा चुका है। राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित करने का उद्देश्य वादकारियों को अपने विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन न्यायमूर्ति श्री आगस्टीन जाॅर्ज मसीह, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने हरियाणा राज्य मंें वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से लोक अदालतों की निगरानी की। उन्होंने लोक अदालत की बैंचों के साथ बातचीत की और बैंचों को दिशा-निर्देश भी दिए।
न्यायमूर्ति श्री आगस्टीन जाॅर्ज मसीह ने राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दी हैं और सभी अदालतों को राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए अधिक से अधिक मामलों का निपटान करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए बधाई दी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोक अदालत बिना किसी अतिरिक्त लागत या शुल्क के वादकारियों के मामलों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी वैकल्पिक विवाद समाधान विधि है।
न्यायमूर्ति ने अधिक से अधिक मामलों को निपटाने का आह्वान किया है क्योंकि लोक अदालत वैकल्पिक विवाद समाधान की एक प्रणाली है जो भारत में बदलते समय के साथ एक प्रणाली के रूप में स्थापित हुई है। लोक अदालतें न केवल लंबित विवाद या पार्टियों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों को सुलझाती हैं, बल्कि यह सामाजिक सद्भाव को भी सुनिश्चित करती है क्योंकि विवाद करने वाले पक्ष अपने मामलों को अपनी पूर्ण संतुष्टि के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाते हैं और यह दोनों पक्षों के लिए जीत की स्थिति है। यह अदालतों में भीड़भाड़ भी कम करती है क्योंकि अपील और निगरानी के रूप में आगे की मुकदमेबाजी को भी समाप्त कर पक्षों की सहमति से मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जाता है। इससे न्यायालयों के पास उपलब्ध सीमित संसाधनों को राहत दी जाती है और त्वरित और प्रभावी तरीके से न्याय दिलाने के लिए उन्हें उपलब्ध कराया जाता है। विवाद के निपटारे के अलावा, पक्षकारों को मामलों के योजित करने के समय उनके द्वारा भुगतान की गई अदालती फीस की वापसी से लाभ होता है।
इसके अलावा, राजस्व न्यायालयों के साथ-साथ कार्यकारी न्यायालयों ने भी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया है और 28380 राजस्व मामलों को उठाया गया तथा जिनमें से 25483 मामलों का निपटान किया गया।
हरियाणा के सभी जिलों में लोक अदालत की पूर्व बैठकें भी आयोजित की गईं। पूर्व लोक अदालतों में 34,000 से अधिक मामलों को उठाया गया और 17,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया गया।
आज की राष्ट्रीय लोक अदालत में, 54364 पूर्व-मुकदमेंबाजी चरण के मामलों को लिया गया और 30774 पूर्व-मुकदमेंबाजी चरण स्तर के मामलों का निपटारा किया गया तथा 174740404/- रू0 की कुल राशि का निपटान किया गया।
इसके अलावा, 136249 लंबित मामलों को उठाया गया और 79550 मामलों को निर्णित किया गया तथा 2290113026/- रू0 की कुल राशि का निपटान किया गया।
पूर्व मुकदमेबाजी और लंबित दोनों चरणों में कुल 110324 मामलों का निपटारा किया गया, जिससे पक्षकारों के बीच 246485943/- रू0 की कुल राशि का निपटारा हुआ।
वैकल्पिक विवाद समाधान (ए0डी0आर0) के तरीकों को बढ़ावा देने के लिए, इस प्राधिकरण के पूर्व कर्मचारी द्वारा जिला न्यायालय, कुरूक्षेत्र में विलंबित पेंशन लाभ पर ब्याज की मांग करते हुए 10 साल से अधिक पुराना मामला राष्ट्रीय लोक अदालत में लिया गया और जिसमें न्यायमूर्ति श्री आगस्टीन जाॅर्ज मसीह, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के हस्तक्षेप के साथ वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सौहार्दपूर्ण ढंग से समझौता किया।