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1857 की क्रांति में अपने प्राणों की आहुति देने वाले प्रत्येक सैनिक का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा

हरियाणा के वीरों ने देश के सम्मान और गौरव के लिए अपना सब कुछ कुर्बान किया, हमें अपने शहीदों पर रहेगा हमेशा गर्व- मुख्यमंत्री
चंडीगढ़, - आजादी के 75वें वर्ष में देश भर में मनाए जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आज टैगोर थियेटर, चंडीगढ़ में 1857 का संग्राम-हरियाणा के वीरों के नाम नाटक का मंचन किया गया, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को गुलामी के चंगुल से छुड़ाने के लिए हजारों वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिसके परिणामस्वरूप आज हम खुली हवा में साँस ले रहे हैं।इस मौके पर स्पीकर श्री ज्ञानचंद गुप्ता ,बिजली मंत्री श्री रणजीत सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल, विधायक सोहना श्री संजय सिंह भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सन 1857 की क्रांति आजादी के आंदोलन की वह कीर्ति गाथा है, जिसे पढ़ और सुनकर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आजादी की इस लड़ाई में हरियाणा का अविस्मरणीय योगदान रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह क्रांति सबसे पहले अम्बाला छावनी से ही शुरू हुई थी। मेरठ में क्रांति शुरू होने से नौ घण्टे पहले, यानि 10 मई, 1857 को हरियाणा के वीर सैनिक अपने चारों अस्त्र-शस्त्रों से पूरी तरह लैस होकर फिरंगियों से जा टकराए। क्रांति की उस नन्ही चिंगारी ने नौ घण्टे बाद ही शोलों का रूप ले लिया ।
उन्होंने कहा कि आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तो ऐसे में ‘1857 का संग्राम-हरियाणा के वीरों के नाम‘ नाटक का मंचन अत्यंत सराहनीय प्रयास है। इस अवसर पर उन्होंने देश की आजादी के लिए त्याग और बलिदान देने वाले अमर शहीदों को कोटि-कोटि नमन किया। यह नाटक उन्हीं वीरों की कुर्बानियों की कहानी का संजीव चित्रण आपके सामने प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहला या दूसरा विश्व युद्ध, 1965 या 1971 का भारत-पाक युद्ध, 1962 में चीन के साथ हुआ रेजांगला युद्ध या कारगिल का 'ऑपरेशन विजय' हो, हरियाणा के सैनिकों ने हमेशा अपने खून से इतिहास लिखा है। उन्होंने कहा कि देश की आबादी का केवल 2 प्रतिशत होने के बावजूद सेना में हर 10वां सैनिक हरियाणा से है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा वीरों की धरती है। यहां के रणबांकुरों ने समय-समय पर शक, हूण, कुषाण और मुगल आदि विदेशी आक्रमणकारियों को मुँहतोड़ जवाब दिया।
नाटक के निर्देशक, कलाकारों और लेखक की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार है जब राजा नाहर सिंह और राव तुला राम सहित हरियाणा के बहादुर सैनिकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को उजागर करने वाले इस तरह के नाटक का मंचन किया गया है।
उन्होंने कहा कि वे इन कलाकारों को पूरे हरियाणा में इस तरह के नाटकों के आयोजन के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हैं, ताकि युवा पीढ़ी को हरियाणा के बहादुर नायकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदानों से अवगत कराया जा सके।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा के वीरों ने देश के सम्मान और गौरव के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया है। हमें अपने शहीदों पर हमेशा गर्व एवं नाज रहेगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि सेनानियों की स्मृतियों को सहेजने के लिए विभाग द्वारा भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के सम्मान में अम्बाला छावनी में 22 एकड़ क्षेत्र में शहीदी स्मारक का निर्माण किया जा रहा है। इसका कार्य लगभग पूरा होने को है।
इसके अलावा, हरियाणा के महान सपूत राव तुलाराम द्वारा जिला महेन्द्रगढ़ के नसीबपुर में अंग्रेजों का डटकर मुकाबला करने की गाथा को याद करते हुए वहां 41 कनाल भूमि पर जल्द ही एक स्मारक बनाया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, एडीजीपी सीआईडी, श्री आलोक मित्तल सहित सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।