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3 साल में शुरू हुई नई परंपराएं, बड़े सुधार भी-ज्ञान चंद गुप्ता

हरियाणा की 14वीं विधान सभा के 3 साल के पूरे होने पर शुक्रवार को विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने अपनी उपलब्धियों का लेखा-जोखा पेश किया है। गुप्ता ने 4 नवंबर 2019 को हरियाणा विधान सभा के 17वें अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाला था। तब से उन्होंने विधान सभा सचिवालय से लेकर सदन की कार्यवाही तक अनेक नई परंपराओं की शुरुआत तथा नए प्रयोग शुरू किए हैं।
मीडिया से बातचीत में विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि इन तीन वर्षों में हरियाणा विधान सभा ने नए युग में प्रवेश कर लिया है। गत मानसून सत्र से विधान सभा की कार्यवाही पेपरलेस हो चुकी है। इससे सलाना 5 से 6 करोड़ रुपये की बचत होगी। यह सब केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय की नेवा (नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन) परियोजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन होने के चलते हुआ है। इससे कार्य त्वरित व पारदर्शी होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह कदम मील का पत्थर साबित हुआ। योजना को सिरे चढ़ाने के लिए विधायकों के प्रशिक्षण की भी समुचित व्यवस्था की गई। इसके लिए नेवा सेवा केंद्र की स्थापना की गई।
गुप्ता ने बताया कि कार्यपालिका को अधिक से अधिक जवाबदेही बनाने के उद्देश्य से सत्र अवधि के अलावा विधायकों के लिए सरकार से प्रश्न पूछने की व्यवस्था लागू की गई। नई व्यवस्था के तहत विधायक महीने में 3 प्रश्न पूछ सकते हैं। इसके लिए नियम 45ए का प्रावधान किया गया है। हरियाणा विधान सभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ। इसके साथ ही सत्र की बैठकों की अवधि बढ़ाकर 6 घंटे कर दी गई है। इससे कामकाज ज्यादा होने लगा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के गठन के समय से चले आ रहे विधेयकों के नाम से अब ‘पंजाब’ शब्द को हटाकर ‘हरियाणा’ जोड़ दिया गया है। इससे हरियाणा का सम्मान बढ़ा है। बजट को व्यावहारिक बनाने के लिए 2020 में 17 से 19 फरवरी तक प्री बजट सत्र का नया प्रयोग किया गया। इसका सीधा-सीधा प्रदेश की जनता को लाभ हुआ। प्रश्नकाल के लिए ड्रा प्रणाली का अभिनव प्रयोग भी किया गया। इससे ज्यादा से ज्यादा विधायकों को पारदर्शी और न्यायसंगत प्रक्रिया से प्रश्न पूछने का अवसर मिल सका। सत्र की शुरुआत राष्ट्रगान और समापन राष्ट्रगीत से करने की परंपरा राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रति सम्मान बढ़ाने की भावना से किया गया।