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514 रुपए में ऑक्सीमीटर मुहैया करवाने का ऐलान


चंडीगढ़ (गुरप्रीत): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कोविड के बढ़ रहे मामलों के मद्देनजऱ राज्य के सभी नागरिकों को हर जिले में प्रवानित विक्रेेताओं के द्वारा 514 रुपए की वाजिब कीमत पर ऑक्सीमीटर मुहैया करवाने का ऐलान किया है।

अपने फेसबुक प्रोग्राम ‘कैप्टन को सवाल’ की 17वीं कड़ी के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक हफ़्ते में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि विभाग की तरफ से स्वास्थ्य कामगारों के लिए यह ऑक्सीमीटिर 514 रुपए की कीमत पर खरीदा जा रहा है और इन ऑक्सीमीटरें को अब ‘कोई लाभ नहीं, कोई घाटा नहीं’ के आधार पर आम लोगों के लिए भी अधिकारित विक्रेताओं के द्वारा मुहैया करवा दिया जायेगा।

रायकोट के एक निवासी ने सुझाव दिया था कि सरकार की तरफ से हर घर में सस्ती कीमत पर ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर दिए जाने चाहिएं जिसके जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि उनकी सरकार की तरफ से 50,000 कोविड केयर किटें मुफ़्त बाँटी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन किटों में ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर के अइलावा अन्य ज़रूरी वस्तुएँ भी शामिल हैं।

गुरदासपुर के एक निवासी के डर को दूर करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यदि वह कोरोना पॉजिटिव आ जाते हैं तो उनको अस्पताल में नहीं रखा जायेगा परन्तु घरेलू एकांतवास में रहने और अपने स्वास्थ्य पर निरंतर नजऱ रखते हुये देखभाल करने के लिए कहा जायेगा।

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि घरेलू एकांतवास के लिए ज़रूरत पडऩे पर दवाएँ दीं जाती हैं। घरेलू एकांतवास की निगरानी करने वाली टीमें पॉजिटिव मरीज़ों के घर 10 दिनों में तीन बार दौरा करके स्वास्थ्य के बारे जांच करती हैं और मरीज़ की देखभाल करने वाले को अपेक्षित सलाह भी देती हैं। इन टीमों से तरफ से सलाह के मुताबिक थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर, विटामिन -सी और जि़ंक की गोलियों की उपलब्धता भी पूछी जाती है। टीम की तरफ से मरीज़ के देखभाल करने वाले को फ़ोन करके भी पूछा जाता है।

राज्य में मौत की बढ़ती दर, जिसका कारण अस्पतालों में इलाज के लिए देरी से पहुँचना है, की तरफ इशारा करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने लोगों को कहा कि लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअन्दाज न करके इस बीमारी का मुँह मोडऩे में उनकी और उनकी सरकार की मदद की जाये और समय पर अपनी जांच और अस्पतालों में भर्ती हुआ जाये क्योंकि ज़्यादातर मौतें स्तर -3 स्तर पर हो रही हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अस्पतालों की हालत में सुधार हुआ है और उनकी सरकार के द्वारा सहूलतों में विस्तार करने पर काफ़ी रकम ख़र्च की गई है और उनकी तरफ से अपने मंत्रियों को उनकी निगरानी अधीन जि़लों में स्थिति का ज़मीनी स्तर पर जायज़ा लेने हेतु दौरे करने के लिए भी कहा गया है।

माईक्रोफ़ोन के द्वारा बोलते समय समागमों और भीड़ों के दौरान क्या मास्क हटाए जा सकते हैं, संबंधी पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी प्रकार के सामाजिक जलसा में बिल्कुल ही शामिल न होने की सलाह दी गई है परन्तु यदि बहुत ही ज़रूरी हो तो हर समय समूह प्रोटोकालों का ध्यान ज़रूर रखना चाहिए।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि समूचे तौर पर देखा जाये तो देश और विश्व में स्थिति अच्छी नहीं है और पंजाब भी इससे अछूता नहीं है परन्तु हरेक पंजाबी की जि़ंदगी उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

खडूर साहिब के एक निवासी की तरफ से दिए गए सुझाव कि पंजाब सरकार की तरफ से आंध्रा प्रदेश की तजऱ् पर प्लाज्मा दान करने वालों को वित्तीय लाभ देना चाहिए, के बारे मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पंजाबी बहुत ही खुल्ले दिल वाले हैं और कोई पंजाबी प्लाज्मा और खूनदान करने के एवज मेें के तौर पर पैसे क्यों लेगा, यह हमारे सभ्याचार का हिस्सा ही नहीं है।

एन.एच.एम. वर्कर, जोकि बीते 10 सालों से नामात्र से वेतन पर गुज़ारा कर रहे हैं, बावजूद इसके कि वह कोविड की जंग में अग्रणी योद्धे हैं, की एक विनती के बारे मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही राज्य में ठेके पर काम कर रहे मुलाजिमों को रेगुलर करने के मसले पर विचार करने के लिए एक कैबिनेट सब कमेटी गठित की हुई है। फरीदकोट के एक निवासी को ऐसा ही यकीन दिलाते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार स्वास्थ्य वर्करों ख़ास कर जो कोविड की ड्यूटी निभा रहे हैं, की देखभाल के लिए वचनबद्ध है।

बढ़े हुए बिजली बिलों के बारे कई शिकायतों की तरफ इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी के कारण मीटर रीडिंग नहीं थी की जा रही परन्तु अब उन्होंने इसके हुक्म दिए हैं जिससे लोगों को असली उपभोग के हिसाब के साथ बिल आ सकें। यदि बढ़ी हुई रकम पहले ही अदा की जा चुकी है तो इसको एकसार कर लिया जायेगा।

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