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ड्रोनों के कारण बढ़ रहे खतरे से निपटने के लिए बीएसएफ और पंजाब पुलिस के बीच बेहतर तालमेल की की मांग


डीजीपी ने सीपीज़/एसएसपीज़ को रात के समय नाकों में विस्तार करने और अधिक से अधिक वाहनों की चैकिंग को यकीनी बनाने के दिए आदेश

चंडीगढ़ (गुरप्रीत) सबूत आधारित और सक्रिय पुलिसिंग की जरूरत पर जोर देते हुये डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब श्री दिनकर गुप्ता ने आज सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को पंजाब की सरहदों पर ड्रोनों की गतिविधियों, जो राष्ट्रीय सुरक्षा पर नये खतरे के तौर पर सामने आ रही हैं और जिसने सरहदी सुरक्षा को भारी चोट पहुंचाई है, का मुकाबला करने के लिए पूरा समर्थन देने का भरोसा दिया है।

डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा, ‘सितम्बर 2019 में, यह पहली बार था कि हथियारों की तस्करी के लिए अमृतसर में ड्रोनों का प्रयोग किया गया था और उसके बाद ड्रोन के साथ नशों और हथियारों की तस्करी अक्सर की जा रही थी और अब जम्मू में ड्रोनों का प्रयोग से आतंकवादी हमले ने सुरक्षा सम्बन्धी और बड़ा खतरा पैदा कर दिया है।‘ उन्होंने आगे कहा कि बीएसएफ, पंजाब पुलिस और राज्य के लोगों की तरफ से पिछले 20 महीनों के दौरान 60 से अधिक ड्रोन उड़ते देखे गए हैं।

डीजीपी ने आज गुरदासपुर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और गुरदासपुर और पठानकोट जिलों में तैनात पंजाब पुलिस के सीनियर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग की। जिक्रयोग्य है कि रविवार को ड्रोन के द्वारा जम्मू के एयर फोर्स बेस पर हुए हमले के मद्देनजर सरहदी जिलों में डीजीपी की अध्यक्षता में की गई यह दूसरी उच्च स्तरीय मीटिंग है। इस मीटिंग में एडीजीपी इंटरनल सिक्योरिटी आर.एन. ढोके, आईजी बार्डर रेंज एसपीएस परमार और डीआईजी बीएसएफ प्रभाकर जोशी समेत बीएसएफ के तकरीबन 8 कमांडैंटस भी शामिल थे।

बीएसएफ और पंजाब पुलिस के दरमियान और बेहतर तालमेल और सहयोग की माँग करते हुये डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि यह सही समय है कि दोनों बलों को एक टीम के तौर पर काम करना चाहिए और असली समय की जानकारी इकट्ठी और सांझा करके खुफिया इंटेलिजेंस को फिर से सक्रिय करना चाहिए।

उन्होंने बीएसएफ के अधिकारियों को कहा कि वह शक्की व्यक्तियों की गतिविधियों की सैक्टर-वाइज इनपुट्स को पंजाब पुलिस के साथ सांझा करें जिससे वह इन शक्की व्यक्तियों की गतिविधियों पर तीखी नजर रख सकें और किसी अपराधिक गतिविधियों में शामिल पाये जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही को यकीनी बनाया जा सके।

डीजीपी ने गुरदासपुर, बटाला और पठानकोट के एसएसपीज़ को हिदायत की कि सरहदी गाँवों की सूची बनाई जाये और हर गाँव में पुलिस, जनता, जी.ओ.जी., एन.जी.ओज आदि के सहयोग से एक मजबूत खुफिया नैटवर्क विकसित किया जाये जिससे वह अपने गाँव में होने वाली किसी भी अपराधिक गतिविधियों के बारे तुरंत पुलिस को सूचित कर सकें।

उन्होंने एसएसपीज़ को यह भी हिदायत की कि वह अपने अधिकार क्षेत्रों में रात के समय पुलिस नाकों में विस्तार करें और हर नाके पर अधिक से अधिक वाहनों की चैकिंग को यकीनी बनाएं जिससे आतंकवादी और अपराधिक गतिविधियों को रोकने में सहायता मिलेगी। उन्होंने यह भी सलाह दी कि सभी नाकों को इस तरीके से समकालिक किया जाना चाहिए कि एक ही काल पर वह सभी तुरंत चेतन हो जाएँ।

डीजीपी दिनकर गुप्ता ने एसएसपीज को सभी भगौड़ों (पीओज), जमानत पर बाहर आए दोषी और एनडीपीएस एक्ट, आमर्ज एक्ट और यूएपीए एक्ट सम्बन्धी केस में फरार व्यक्तियों की सूची बनाएं और उनके विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश भी दिए। डीजीपी ने उनको नशों की बरामदगी को बढ़ाने के निर्देश भी दिए। इस दौरान मीटिंग में एसएसपी गुरदासपुर नानक सिंह, एसएसपी पठानकोट सुरेंद्र लांबा, एसएसपी बटाला रछपाल सिंह और एआईजी एसएसओसी ओपिन्दरजीत सिंह घूमन्न भी शामिल थे।

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