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पंजाब के पास सिफऱ् पाँच दिन की कोविड वैक्सीन बची


केंद्र सरकार को ताज़ा सप्लाई जल्द भेजने और अगली तिमाही के लिए राज्यों को दी जाने वाली सप्लाई का कार्यक्रम साझा करने की अपील

कृषि कानूनों के मुद्दे पर केंद्र के विरुद्ध रोष होने के कारण राज्य में प्रभावित हो रही है टीकाकरण मुहिम-मुख्यमंत्री ने सोनिया गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्ऱेंस के दौरान साझा की जानकारी

चंडीगढ़, (गुरप्रीत) पंजाब में एक दिन में 85,000 से 90,000 व्यक्तियों के टीकाकरण के मौजूदा स्तर के मुताबिक राज्य के पास सिफऱ् पाँच दिनों की सप्लाई (5.7 लाख कोविड $खुराकें) रह जाने के कारण पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज केंद्र सरकार से अपील की है कि पुष्ट किए गए सप्लाई ऑर्डरों के हिसाब से अगली तिमाही के लिए राज्यों के साथ वैक्सीन की सप्लाई का कार्यक्रम साझा किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कोविड वैक्सीन की अगली सप्लाई जल्द भेजने की उम्मीद ज़ाहिर करते हुए कहा कि यदि राज्य एक दिन में 2 लाख टीकाकरण के निश्चित लक्ष्य को पूरा करता है तो इस हिसाब से वैक्सीन तीन दिन में ख़त्म हो जाएगी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख कर अगली सप्लाई संबंधी कार्यक्रम साझा करने के लिए कहा है।

कांग्रेस प्रधान सोनिया गांधी द्वारा कोविड की स्थिति के बारे में विचार-विमर्श करने के लिए बुलाई गई वीडियो कॉन्फ्ऱेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि टीकाकरण की शुरुआत धीरे होने के बावजूद रोज़ाना 85,000-90,000 व्यक्तियों के हिसाब से पंजाब अब तक 16 लाख व्यक्तियों को कोविड की $खुराकें दे चुका है। इस मीटिंग में राहुल गांधी समेत कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शिरकत की।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर भारत सरकार के खि़लाफ़ व्यापक स्तर पर बढ़ रहे गुस्से के कारण अभी भी बड़ी संख्या में लोग टीकाकरण के लिए सामने नहीं आ रहे। उन्होंने कहा कि पंजाब की बड़ी आबादी कृषि भाईचारे से है और यहाँ तक कि आम जनता भी किसान आंदोलन से प्रभावित है। उन्होंने कहा, ‘‘यह गुस्सा टीकाकरण मुहिम पर प्रभाव डाल रहा है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर मीडिया मुहिम चलाई जा रही है, जिससे कोविड संबंधी गलत धारणाओं के साथ-साथ टीकाकरण सम्बन्धी हिचकिचाहट को दूर किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने सोनिया गांधी को अवगत करवाया कि कोरोना के मामलों में इस समय मुल्क में पंजाब 18वें स्थान पर है और पिछले 15 दिनों से प्रतिदिन 3000 मामलों की औसत के मुताबिक 8 प्रतिशत पॉजि़टिविटी दिखाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मामलों की संख्या में थोड़ी सी स्थिरता आई है, जिससे पता लगता है कि पिछले तीन हफ़्तों में सही दिशा में कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बीते दिन प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पेश किए गए ग्राफ के दौरान यह सामने आया कि पिछले पन्दरवाड़े के दौरान स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। उन्होंने खुलासा किया कि राज्य में इस समय पर 27,200 सक्रिय केस हैं और रिकवरी दर 87.1 प्रतिशत है।

कोविड प्रबंधन संबंधी एक-दूसरे से सीखने और विचार-विमर्श करने के लिए दिए गए मौके के लिए सोनिया गांधी का धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हालाँकि, मौतें पंजाब के लिए चिंता का विषय है और दूसरी लहर में रोज़ाना लगभग 50-60 मौतों के साथ मृत्यु दर 2 प्रतिशत से थोड़ी सी कम है। कुल मिलाकर मार्च, 2020 से सभी मामलों के लिए मृत्यु दर 2.77 प्रतिशत है।

9 अप्रैल को 41,347 व्यक्तियों के टैस्ट किए गए, जिनमें से 3459 व्यक्ति पॉजि़टिव पाए गए और 56 की मौत हो जाने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च मृत्यु दर का कारण अस्पतालों को देर से रिपोर्ट करना और गंभीर सह-बीमारियाँ (ग़ैर-संचार रोग) हैं। इसका एक कारण और भी है कि पंजाब अपने सभी मामलों के बारे में ईमानदारी से रिपोर्ट करता है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि नौजवान जनसंख्या में अधिक पॉजि़टिविटी दर देखी जा रही है और एन.सी.डी.सी. और आई.जी.आई.बी. की रिपोर्टों के मुताबिक और अधिक संक्रामक और घातक यू.के. वायरस के लिए 80 प्रतिशत से अधिक सैंपल पॉजि़टिव पाए गए। मुख्यमंत्री ने इस वायरस की रोकथाम के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में कांग्रेस प्रधान को अवगत करवाया। इन कदमों में 30 अप्रैल तक राजनैतिक भीड़ों पर रोक लगाने, सभी जि़लों में रात 9 बजे से प्रात:काल 5 बजे तक क$फ्र्यू लगाने, आंतरिक और बाहरी सामाजिक सभाओं और सिनेमा हॉल्ज़ और मॉल्ज़ में संख्या पर रोक लगाने, सभी शैक्षिक संस्थाओं और आंगनवाड़ी केन्द्रों को बंद करने और स्कूल परीक्षाओं को आगे किया जाना शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राजनैतिक भीड़ों पर रोक लगाई है, क्योंकि अरविन्द केजरीवाल और सुखबीर बादल जैसे विरोधी नेता कोविड नियमों का उल्लंघन करके राज्य में रैलियाँ कर रहे थे।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने यह भी बताया कि मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों को आर.टी.-पी.सी.आर टेस्टिंग के लिए ले जाया जाता है और अब तक पुलिस द्वारा ऐसे 2 लाख व्यक्तियों को आर.टी.-पी.सी.आर. टेस्टिंग के लिए ले जाया जा चुका है। उन्होंने आगे बताया कि सभी होटलों, रैस्तरां और मैरिज पैलेसों में कोविड मॉनिटर नियुक्त किए गए हैं, जिससे कोविड सम्बन्धी एहतियात को सुनिश्चित बनाया जा सके। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि अभी तक कोविड वैक्सीन न लेने वाले हैल्थवर्करों की आम सुरक्षा के लिए साप्ताहिक टैस्ट किए जा रहे हैं।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने टेस्टिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का विवरण देते हुए बताया कि हर रोज़ 40,000 से अधिक कोविड टैस्ट किए जा रहे हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत आर.टी.-पी.सी.आर हैं और प्रति मिलियन पंजाब की टेस्टिंग राष्ट्रीय औसत की अपेक्षा अधिक है। उन्होंने कहा कि पूरे भारत की प्रति मिलियन टैस्टिंग 824 की औसत के विरुद्ध पंजाब की टेस्टिंग औसत (पिछले 7 दिनों से अधिक के लिए) प्रति मिलियन 1350 है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन टेस्टिंग 50,000 तक बढ़ाई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के सम्बन्ध में हम 25-30 की अपेक्षित संख्या से मामूली सी कम हैं और इस समय पर हम हरेक केस के लिए 13.4 कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं, परन्तु हम एक पन्दरवाड़े में इसको बढ़ाकर 20 तक ले जाने की योजना बनाई है। ट्रेसिंग और टेस्टिंग की महत्ता को दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि कुल 20.8 लाख व्यक्तियों, जो कोविड मरीज़ों के संपर्क के तौर पर पहचान किए गए थे, में से 8.36 लाख व्यक्तियों का टैस्ट किया गया, जिनमें से 90,000 पॉजि़टिव पाए गए। उन्होंने बताया कि राज्य में ट्रेसिंग बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि डिप्टी कमिश्नरों को टेस्टिंग बढ़ाने के लिए सभी विभागों में मौजूद स्टाफ का प्रयोग करने के लिए कहा है।

मुख्यमंत्री ने मीटिंग के दौरान भरोसा दिलाया कि राज्य में कोविड के मरीज़ों को समय पर सही इलाज मुहैया करवाने और उचित संख्या में बैड, दवाएँ और रैमडिज़विर इंजैक्शन आदि की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब द्वारा कोविड पर काबू पाने और प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे, जैसे कि हमने पिछले साल किया था।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोनिया गांधी को कोविड और वैक्सीन प्रबंधन के बारे में केंद्र सरकार के साथ किये पत्र-व्यवहार संबंधी भी अवगत करवाते हुए बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर राज्यों को अपने स्तर पर टीकाकरण करने की रणनीति बनाने में ढील देने की माँग की थी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को जिगर और गुर्दों की बीमारी से पीडि़त 45 साल से कम उम्र के लोगों को भी टीकाकरण मुहिम में शामिल करने की अपील की थी। इसी तरह अधिक जोखि़म वाले इलाकों में सभी बालिग़ों के टीकाकरण के अलावा सभी शैक्षिक संस्थाओं में अध्यापकों और स्टाफ, जजों और जुडिशियल अफसरों, बस चालकों और कंडकटरों और चुने हुए नुमायंदों के लिए पेशा आधारित टीकाकरण की माँग भी की थी।
















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