महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड का फार्म इक्विपमेंट सेक्टर (एफईएस), जो 19.4 बिलियन डॉलर वाले महिंद्रा समूह का एक घटक है, विभिन्न मेकेनाइजेशन तकनीकों एवं उत्पादों के जरिए किसानों को सशक्त बनाने में जुटा है। डिजिटल और डेटा-आधारित खेती निश्चित रूप से भविष्य की खेती का स्वरूप होगा। इसलिए, महिंद्रा ने इस वर्ष के शुरू में भारत के विभिन्न राज्यों में कृष-ई सेंटर्स लॉन्च किये थे। कृष-ई का टैगलाइन है - 'एक्सपर्ट तकनीक, नये उपाय, परिणाम दिखाये'। कृष-ई एक नया व्यवसाय है जो प्रौद्योगिकी संचालित सेवाएं प्रदान करता है जो किसानों के लिए प्रगतिशील, सस्ती और सुलभ हैं। इसका लक्ष्य संपूर्ण फसल चक्र में डिजिटल रूप से सक्षम सेवाओं के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाना है।
यह एग्रोनॉमी एडवाइज़री, एडवांस्ड फ़ार्म इक्विपमेंट रेंटल्स की सुलभता और आधुनिक प्रिसिजन फ़ार्मिंग समाधानों के माध्यम से होता है, ये सभी खेती की कुल लागतों को कम करने और फ़सल उत्पादन में सुधार लाने और फलस्वरूप किसान की आय बढ़ाने पर केंद्रित हैं। भारत की खेती में नए डिजिटल युग की शुरुआत करने के विचार के साथ इस नये व्यावसायिक खंड की परिकल्पना की गयी है। इसका उद्देश्य किसानों को एआई, आईओटी और डिजिटल समाधानों द्वारा चालित ऐसी बेहतर प्रभावी कृषि तकनीकों को अपनाने में मदद करते हुए उनके जीवन में बदलाव लाना है जिन्हें वो हासिल कर सकें और उनकी उत्पादकता एवं लाभप्रदता बढ़ सके। इसके लिए, महिंद्रा एंड महिंद्रा ने दुनिया भर में रणनीतिक निवेश किया है, जिसमें रेसॉन जो कि एक कनाडाई भविष्यसूचक एनालिटिक्स कंपनी है, गमाया जो कि एक स्विस हाइपरस्पेक्ट्रल इमेज एनालिटिक्स कंपनी है और कार्नट जो कि एक भारतीय एआई-समर्थित एग्रीआईओटी कंपनी है, भी शामिल हैं।
चैंपियन किसानों का एक राष्ट्र बनाने के लिए, कृष-ई प्रिसिजन फार्मिंग समाधानों में खेत में, ड्रोन पर, उपग्रहों पर और कृषि उपकरण पर तरह तरह के सेंसर्स एवं कैमरा उपयोग किये जाते हैं और मिट्टी, फसल और मशीन डेटा एकत्र किया जाता है। एआई एल्गोरिद्म इस डेटा को उपयोगकर्ता के अनुकूल और अंतर्दृष्टि आधारित खेत के नक्शे में बदल देते हैं, और किसानों एवं कृषिविदों को बुद्धिमान मशीनों का उपयोग करके परिवर्तनीय दर से खेती करने में सक्षम बनाते हैं। इस तरह के क्रियाकलापों से पहले से ही आलू, अंगूर और गन्ना किसानों को खेती की लागत कम करने और उनकी पैदावार बढ़ाने में मदद मिल रही है।
कंपनी फार्म मशीनरी की रेंज लॉन्च करने की दिशा में काम कर रही है, जिसमें दुनिया भर के बड़े भू-भाग वाले खेतों में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों को छोटी जोत वाले किसानों को किफायती दर सरलता से उपलब्ध कराने की योजना है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए पिछले कुछ वर्षों में एग्री टेक्नोलॉजी एवं स्टार्टअप्स के अधिग्रहण और साझेदारियां की गयी हैं। इन अधिग्रहणों और साझेदारियों के आधार पर, महिंद्रा ने पोटैटो प्लांटर्स और राइस ट्रांसप्लांटर्स जैसे नए एग्री मशीनरी लॉन्च किए हैं।
मजदूर प्रवास जैसे कारकों के कारण कृषि में मशीनीकरण पर निर्भरता काफी बढ़ी है जिसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष'21 में कृषि मशीनरी की बिक्री में बहुत अच्छी वृद्धि हुई है। महिंद्रा के पास फार्म मशीनरी पेशकशों की सबसे व्यापक रेंज मौजूद है और हम 'ग्लोबल सेंटर्स ऑफ एक्सेलेंस' की विशेषज्ञता के आधार पर नयी नयी पेशकशों को लाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
महिंद्रा के ग्लोबल सेंटर्स ऑफ एक्सेलेंस निम्नलिखित हैं:
जापान - राइस एग्री मशीनरी वैल्यू चेन और लाइट वेट ट्रैक्टर्स के लिए
फिनलैंड – हार्वेस्टर्स और फॉरेस्ट मशीनरी
तुर्की – फार्म इंप्लिमेंट्स