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मोहाली में राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित,पंजाब के राज्यपाल ने फहराया राष्ट्रीय तिरंगा


कहा, कि राष्ट्र निर्माण में पंजाब का योगदान बेहद अहम है

• एक अच्छे समाज के निर्माण के लिए व्यक्तिगत हितों से परे काम करने का निमंत्रण

• राज्यपाल ने लोगों से भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध रहने का आह्वान किया

• पंजाबियों ने देश की समृद्धि, हरियाली और आजादी में उनके योगदान की सराहना की

एस.ए.एस. नगर/ चंडीगढ़ (गुरप्रीत) शहीद मेजर हरमिंदरपाल सिंह राजकीय महाविद्यालय फेज-6 मोहाली में गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान श्री बनवारीलाल पुरोहित राज्यपाल पंजाब एवं प्रशासक यू.टी. चंडीगढ़ में राष्ट्रीय ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर पंजाब के लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने लोगों से संविधान के मूल सिद्धांतों का पालन करने की शपथ लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संवैधानिक मूल्यों को कायम रखने से ही देश आगे बढ़ सकता है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में पंजाब का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। अनगिनत बार पंजाब आक्रमणकारियों से आहत हुआ लेकिन हर बार पंजाब के वीर सपूतों ने देश की रक्षा की। इसलिए पूरा देश पंजाब के लोहे पर विश्वास करता है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब गुरु नानक देव जी, गुरु गोबिंद सिंह जी, संतों और पैगम्बरों की भूमि है। यह लाला लाजपत राय, सरदार भगत सिंह और सुखदेव जैसे वीरों की भूमि है। इसलिए, संविधान के प्रति हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है क्योंकि हमारा कोई भी कार्य इन महान व्यक्तियों का अपमान नहीं करेगा।

राज्यपाल ने कहा कि देश इस समय अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। हमें आधुनिक भारत के उस सपने को पूरा करने के लिए नई ऊर्जा के साथ जुटना होगा जिसका सपना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देखा था। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में आया यह गणतंत्र दिवस हमारे लिए नई अवधारणाओं का अवसर लेकर आया है।

श्री पुरोहित ने कहा कि देश जब 2047 में अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा, तो वह किस ऊंचाई पर होगा, यह आज की हमारी मेहनत और हमारे निर्णयों को निर्धारित करेगा। "एक नए भारत के लिए चल रहे प्रयासों के बीच, यह समय है कि हम सभी 2047 के भारत के लिए नई अवधारणाओं पर काम करना शुरू करें। उन्होंने कहा कि भारत की 2047 की भव्य इमारत उस नींव पर खड़ी होगी जिसे हम आज बनाएंगे।

राज्यपाल ने राज्य में स्वतंत्रता के 'अमृत महा उत्सव' मनाने के लिए विभिन्न विभागों, विश्वविद्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों और कला जगत से जुड़े लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज हमें 'विरासत भी' 'विकास भी' के मंत्र को अपनाकर प्रगति पथ पर चलने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा कि हमें यह स्वीकार करना होगा कि आज देश के सामने कई चुनौतियां हैं. हमारे कल्याणकारी राज्य को चलाने में अनेक कठिनाइयाँ आती हैं। हमें देश की सीमाओं पर भी सतर्क रहने की जरूरत है। इसलिए हमें मिलकर हर चुनौती से पार पाना है।

श्री पुरोहित ने लोगों को स्वार्थ से ऊपर उठकर अच्छे समाज का निर्माण करने की शिक्षा दी और लोगों से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए प्रतिबद्ध रहने को कहा।

उन्होंने राज्य और देशवासियों की पिछले दो वर्षों में कोविड महामारी के बीच उनकी बहादुरी और सफल प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि हमने इस बीमारी से लड़ाई लड़ी, आर्थिक चुनौतियों का सामना किया, हमारे किसानों, मजदूरों, औद्योगिक श्रमिकों पर कठिनाइयों का पहाड़ टूटा लेकिन किसी ने हार नहीं मानी, यही हमारी खासियत है। उन्होंने कोविड के टीकाकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की और लोगों से टीकाकरण कराने की अपील की। उन्होंने कहा, 'कोविड की लड़ाई में यह हमारा हथियार होगा। उन्होंने कहा, "यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है और हमें इसके बारे में पता होना चाहिए।"


इससे पहले राज्यपाल ने एएसपी डॉ दर्पण अहलूवालिया व सहायक परेड कमांडर डीएसपी मेजर सुमेर सिंह के नेतृत्व में 3 यूनिट पंजाब पुलिस (पीआरटीसी जहांखेल), 2 यूनिट जिला पुलिस एसएएस। नगर, 1 टुकड़ी यूटी। (चंडीगढ़) पुलिस, बटालियन उत्तराखंड पुलिस, बटालियन गार्डियन ऑफ गवर्नेंस, 1 बटालियन एनसीसी आर्मी विंग (गवर्नमेंट कॉलेज मोहाली), 2 बटालियन पीएपी जालंधर ब्रांस बैंड और पी परेड मार्च एपी जालंधर पाइप बैंड द्वारा निकाले गए मार्च पास्ट से सलामी भी ली।


इस मौके पर मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, पंजाब के डीजीपी वीरेश कुमार भवरा, डिवीजनल कमिश्नर रूपनगर मनवेश सिंह सिद्धू, आईजी श्री ए.के. मित्तल, डिप्टी कमिश्नर श्रीमती ईशा कालिया, एसएसपी श्री हरजीत सिंह, न्यायपालिका और सेना के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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