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श्री कृष्ण का दिव्य संदेश राष्ट्र, समाज व प्राणी मात्र के कल्याण और उन्नति का आधार


चंडीगढ़, (अदिति)- हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण द्वारा कुरुक्षेत्र में दिया गया गीता का दिव्य संदेश निष्काम कर्म का एक ऐसा दर्शन है, जो राष्ट्र, समाज व प्राणी मात्र के कल्याण और उन्नति का आधार है।

श्री आर्य आज अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2020 के उद्घाटन अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित ‘‘सतत् अस्तित्व और श्रीमद्भगवद्गीता दर्शन’’ वेबिनार को वर्चुअल रूप से सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने हरियाणा राजभवन चंडीगढ़ से ही ऑनलाइन जुडक़र अपना वर्चुअल सम्बोधन दिया।

राज्यपाल ने कहा कि गंगा के जल से तो मुक्ति प्राप्त होती है, वाराणसी की भूमि और जल में मोक्ष देने की शक्ति है, परन्तु कुरुक्षेत्र के जल, थल और वायु-तीनों ही मुक्ति प्रदाता हैं। उन्होंने कहा कि इस बार गीता महोत्सव ऑनलाईन मनाया जा रहा है, इसलिए न केवल भारत से ही बल्कि विदेशों से भी लाखों-करोड़ों की संख्या में लोग कार्यक्रम से जुडक़र महोत्सव का आनन्द ले रहे हैं। उन्होंने इस महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर प्रदान करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की प्रशंसा की। उन्होंने श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई दी और नववर्ष की खुशहाली की कामना की।

इस वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप मे बोलते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता के संदेश आज भी पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक हैं। आज पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को अपने जीवन में धारण करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि आज प्रगति और आधुनिकता की इस दौड़ में हम अपने इतिहास, संस्कृति और संस्कारों को भूलते जा रहे है। इस प्रकार के महोत्सव हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं।

वेबिनार में पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री कंवरपाल, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.सोमनाथ सचदेवा, स्वामी ज्ञानानन्द जी महाराज, शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानन्द तीर्थ जी महाराज, लोकेशमुनि जी, मुलाना काकु ने भी श्रीमद्भगवद्गीता के विभिन्न पहलुओं पर विचार प्रकट किए।

अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2020 की नोडल अधिकारी व केडीबी की सदस्या सचिव डॉ. जी. अनुपमा ने आगामी 25 दिसम्बर तक होने वाले कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र में हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री श्री कंवरपाल व स्वामी ज्ञानानन्द जी महाराज समेत अन्य अतिथियों ने स्मारिका का विमोचन भी किया।



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