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हरियाणा में तकनीकी शिक्षा को मिला बढ़ावा


चंडीगढ़, (अदिति)- हरियाणा सरकार के प्रयासों से राज्य में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिला है। इस वर्ष कोविड महामारी के बावजूद राज्य के सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त पॉलिटेक्निक संस्थानों में किए गए कुल दाखिलों में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।

एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा के 37 सरकारी और 4 सरकारी सहायता प्राप्त पॉलिटेक्निक संस्थानों में सत्र 2020-21 के दौरान लगभग 90 प्रतिशत दाखिले हुए हैं। दाखिले बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों और वृद्धि की इस रफ्तार को बरकरार रखने के लिए हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा समिति ने सरकारी तकनीकी संस्थानों के 17 प्रधानाचार्यों एवं विभाग के 14 अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है। उनके कार्यों के लिए उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थानों के दाखिलों में 16 प्रतिशत और सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों के दाखिलों में पिछले वर्ष के मुकाबले 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राज्य के 17 सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थानों में 90 फीसदी से ज्यादा दाखिले हुए हैं। इनमें वे दो संस्थान भी शामिल हैं जहां 100 प्रतिशत दाखिले दर्ज किए गए हैं।

उन्होंने पिछले 6 वर्षों के दौरान सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थानों में हुए दाखिलों बारे जानकारी देते हुए बताया कि शैक्षणिक सत्र 2015-16 में जहां कुल 8005 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया वहीं वर्ष 2016-17 में 7522, वर्ष 2017-18 में 9017, वर्ष 2018-19 में 10607, वर्ष 2019-20 में 9165 तथा वर्ष 2020-21 में कुल 12007 विद्यार्थियों के दाखिले किए गए।


प्रवक्ता के अनुसार विभाग के प्रधान सचिव श्री अंकुर गुप्ता और महानिदेशक श्री अजित बालाजी जोशी के नेतृत्व में दाखिलों में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए। उन्होंने संस्थानों के प्रधानाचार्यों के साथ कई बैठकों एवं वेबिनारों का आयोजन कर उन्हें अपने-अपने संस्थानों में 100 प्रतिशत दाखिले सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया।उन्होंने बताया कि सत्र 2020-21 के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग ने दिव्यांग छात्रों (मूक-बधिर) की पढ़ाई के लिए 2 पाठ्यक्रम पंचकूला के सेक्टर 26 स्थित सरकारी पॉलीटेक्निक में शुरू किए हैं। इन छात्रों की सुविधा के लिए उन्हें दाखिला एवं ट्यूशन फीस से मुक्त रखा गया है। साथ ही, पाठ्यक्रमों को सांकेतिक भाषा में ठीक से समझाने के लिए इंटरप्रेटर की व्यवस्था भी दी गई है। डिप्लोमा इंजीनियरिंग और डिप्लोमा आर्किटेक्चरल असिस्टेंटशिप की शाखाएं शुरू की गई हैं जिसमें प्रत्येक के लिए 15 सीटें निर्धारित थी, उन पर 100 प्रतिशत दाखिले कर दिए गए हैं।

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