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कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से ‘पंजाब स्मार्ट कुनैकट स्कीम’ के दूसरे पड़ाव का आगाज़


बहिलोलपुर (मोहाली), : कोविड की महामारी के दौरान सरकारी स्कूलों में बिना किसी दिक्कत से ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा को यकीनी बनाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज ‘पंजाब स्मार्ट कुनैकट स्कीम’ के दूसरे पड़ाव का वर्चुअल तौर पर आगाज़ किया जिसके अंतर्गत सरकारी स्कूलों के 12वीं कक्षा के 80,000 और विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन बाँटे गए।

इस समागम के साथ-साथ राज्य भर में 845 स्कूलों में अलग-अलग मंत्रियों, विधायकों और अन्य आदरणियों के सम्मिलन में स्मार्ट फोन बाँटे गए।

आज यहाँ के सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल में दूसरे पड़ाव की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि विद्यार्थियों को बाँटे जाने वाले कुल 1,75,443 स्मार्ट फोनों में से बाकी रहते 45443 फोन भी इस महीने के अंत तक मुहैया करवा दिए जाएंगे जिससे स्कूलों में डिजिटल बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए उनकी सरकार की वचनबद्धता को पूरी कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि चाहे उनकी सरकार ने कोविड के मद्देनजर ऑनलाइन शिक्षा की चुनौती से निपटने के लिए इन फोनों का वितरण तुरंत करने के यत्न किये परन्तु इंडस्ट्री बंद होने के कारण प्रक्रिया में कुछ देरी हुई।

पहले पड़ाव में 50,000 विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन प्राप्त हुए थे। इस स्कीम के अंतर्गत राज्य सरकार की तरफ से 87.84 करोड़ रुपए खर्च करके 88059 लड़के और 87284 लड़कियों को डिजिटल पक्ष से सशक्त किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 22 सीनियर सेकंडरी स्कूलों में भी एक करोड़ रुपए की लागत से 877 टैबलट मुहैया करवाए जा रहे हैं। इससे पहले भी 2.99 करोड़ रुपए खर्च करके 373 प्राईमरी स्कूलों को 2625 टैबलट प्रदान किये गए थे।

विद्यार्थियों को संबोधन करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि जब पंजाब कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषण पत्र में स्मार्ट फोन देने का वायदा किया था तो उस समय पर यह बात कोई नहीं था जानता कि कोविड की महामारी के समय इन फोनों की विद्यार्थियों के लिए इस कद्र अहमीयत बढ़ जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि पंजाब के नौजवान आधुनिक प्रौद्यौगिकी की महारत हासिल करें जिससे डिजिटल शिक्षा को प्रभावी ढंग से प्रफुल्लित किया जा सके जिसको मौजूदा संदर्भ में प्रौद्यौगिकी पक्ष से बड़ा समर्थन मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट फोन और टैबलट महामारी के कठिन समय के दौरान शिक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए विद्यार्थियों को समर्थ बनाऐंगे।

मुख्यमंत्री ने स्कूलों में बेहतर बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने के लिए उनकी सरकार की वचनबद्धता जाहिर करते हुये कहा कि इससे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी भी प्राईवेट और कान्वेंट स्कूलों के विद्यार्थियों का मुकाबला करने के योग्य हो जाएंगे। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि 7842 स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में तबदील किया गया है जहाँ कंप्यूटर, टैबलट आदि से लैस आधुनिक बुनियादी ढांचा मौजूदा है और 1400 अन्य सरकारी स्कूलों को भी इस साल के अंत तक स्मार्ट स्कूलों में तबदील कर दिया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य भर में 16589 क्लासरूम भी स्मार्ट क्लासरूम में तबदील किये हैं और बाकियों को अगले छह महीनों में इस स्कीम के घेरे में ले लिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने ई-सामग्री तैयार करने के लिए अध्यापकों को बधाई दी जिसको अब विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने वैश्विक स्तर पर शिक्षा क्षेत्र में तेजी से आ रही तबदीलियों के मुताबिक गति बनाये रखने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंजाबी अब विश्व भर में बसते होने के कारण विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी और अन्य भाषाएं सीखना और भी जरूरी हो जाता है जिससे वह दुनिया में नौकरी करने के योग्य हो सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रौद्यौगिकी से लैस आधुनिक उपकरणों से सरकारी स्कूलों के हर विद्यार्थी को बढ़िया शिक्षा मुहैया करवाने को यकीनी बनाया है। मुल्क में पंजाब पहला राज्य है जिस ने साल 2017 में एकसार प्री-प्राईमरी स्कूल शिक्षा को लागू किया और इस समय पर यह शिक्षा सभी प्राईमरी स्कूलों में दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्राईमरी स्कूलों के लिए अध्यापकों के 8393 पद सृजन किये गये हैं और इनको जल्द ही भरा जायेगा। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने अहम कदम उठाते हुए मेरिट और कारगुजारी के आधार पर ऑनलाइन तबादला नीति के द्वारा मौजूदा प्रणाली में और पारदर्शिता लाकर शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में सरकारी स्कूलों में लागू किये सुधारों के साथ शिक्षा का मानक बढ़ा और प्राईवेट स्कूलों से शिफट होने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने से 14.9 प्रतिशत का अनिधार्रित इजाफा हुआ है। उन्होंने खेल शिक्षा को प्रफुल्लित करने की जरूरत पर भी जोर दिया जिसके लिए उनकी सरकार सभी स्कूलों में जिंम स्थापित करने की योजना बना रही है।

कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू जो मोहाली से विधायक हैं, की माँग को स्वीकृत करते हुए मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि इस स्कूल को सीनियर सेकंडरी स्कूल के तौर पर अपग्रेड किया जायेगा और स्कूल का नाम 1971 की जंग के शहीद कैप्टन अमी सिंह, वीर चक्र के नाम पर रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि सोहाना में लड़कियों के सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल को 25 लाख रुपए दिए जाएंगे।

इस मौके पर खेल और युवा सेवाएं मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने विद्यार्थियों की परीक्षाओं से पहले या बाद में उनके साथ वार्तालाप करने के लिए जिला स्तरीय ‘कैप्टन स्मार्ट कुनैकट सम्मेलन’ करवाने का सुझाव दिया जिससे आनलाइन शिक्षा के तजुर्बे सांझे किये जा सकें। कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने राज्य में डिजिटल और स्मार्ट शिक्षा को उत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री की तरफ से किये यत्नों के लिए उनकी सराहना की।

शिक्षा मंत्री विजय इन्दर सिंगला ने कहा कि आज राज्य भर में 845 स्थानों पर 88 करोड़ रुपए की लागत से स्मार्ट फोन बाँटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1400 अन्य स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में तबदील किया जायेगा।

उद्योग और वाणिज्य मंत्री सुंदर शर्मा अरोड़ा ने कहा कि यह स्मार्ट फोन कोविड -19 की महामारी के दौरान विद्यार्थियों को ई-शिक्षा मुहैया करवाने में सहायक सिद्ध होंगे।

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने इस अनूठे उपराले के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देते हुये कहा कि इस उद्यम से मानक शिक्षा यकीनी बनाई जा सकेगी क्योंकि शिक्षा के साथ ही सामाजिक बेचैनी को दूर किया जा सकता है और ज्ञानवान और बुद्धिमान मन के साथ ही ऐसा हो सकता है।

पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान बरिन्दर ढिल्लों ने ऐसे रास्ते से एकतरफ हट के उपरालों के द्वारा विद्यार्थियों को प्रौद्यौगिकी पक्ष से समर्थ बनाने के लिए मुख्यमंत्री के यत्नों की सराहना की।

इससे पहले स्कूल में प्री-प्राथमिक विंग के छोटे बच्चों के साथ भी बातचीत की।

इस मौके पर विधायक नवतेज सिंह चीमा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, डायरैक्टर जनरल स्कूल शिक्षा मुहम्मद तईयब, मोहाली के डिप्टी कमिशनर गिरिश दियालन और जिला पुलिस प्रमुख सतीन्द्र सिंह, डी.पी.आई. (सेकंडरी शिक्षा) सुखजीत पाल सिंह और डी.पी.आई. (एलिमेंट्री शिक्षा) ललित किशोर घई समेत अन्य शख्सियतें भी उपस्थित थी।

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