चंडीगढ़ : राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पानी के मुद्दे पर चल रहे विवाद को लेकर कहा की जनता के नुमाइंदे और अधिकारी चलाई लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है पर यह कार्पोरेशन अलग है बाकी कार्पोरेशन से क्यूंकि बाकी जगह रेवन्यु और खर्च मिक्स नही रहा यहां पर अलग प्रस्थिति है जिसमे यहां पर 1150 से 1200 करोड़ के करीब खर्च है जिसमे रेवनू 500 करोड़ है 6,7 सौ करोड़ का घटा है जिसमे फिर यह हमसे पैसे मांगते हैं और फिर हम केंद्र से मानते हैं जिसमे हम 560 करोड़ हम दे रहे हैं यूटी की तरफ से अन्यथा यह मासिक वेतन नहीं दे सकते उल्टा हमे धमकाते हैं।
पुरोहित ने कहा की मुझे कोई ऑब्जेक्शन नही है जिसमे पानी का सवाल जहां तक है उसमे हम अगर लॉस देखे तो 150 से पोने 200 करोड़ आयेगा और उसके बावजूद यह मुफ्त पानी की बात करते है जिसमे इनके पास तो पैसा है नही ।इनका रेवनीउ जो है उसमे पैसा लायेंगे कहा से और कहां से ग्रांट लेकर आएंगे यह बताए और अगर करना चाहते है तो उसमे तर्क तो दे और समझाए जिसके बाद हमसे परमिशन ले और यह जंगल राज नही है।
पैसा तो बताए नगर निगम की पैसा कहां से आएगा उसमे यह बताएं की मणिमाजरा में काम शुरू हो गया है कांट्रेक्ट हो चुका है जिसमे 24 घंटे पानी की बात करे तो लोगो को जो रिलीफ देना है याने योजना के लिए मदत मांगे हम देंगे पर कुछ भी बोलना पैसे है नही है और बिना किसी सिस्टम के एलान कर रहे है जिसमे लागू नहीं किया जा सकता।पुरोहित ने कहा की कहीं कोई आंदोलन नही हुआ किसी ने मुफ्त में मांगा नही है फिर किस बात के लिए किया जा रहा है ।इसे हल्के में यूटी नही ले सकता और एडमिनिस्ट्रेशन से पूछना क्यूं नही जरूरी समझ रहे है और बिना किसी मांग के यह एलान कर रहे हैं।
पुरोहित ने कहा की मेरी जिमेदारी है तो मैं इसे लूटने नही दे सकता और जो पैसा दे रहे हैं तो उसका हिसाब क्यूं नही रखूंगा मैं जिसमे सिंपल है की आप मुफ्त दे रहे हैं उसकी जरूरी नहीं।जो जरूरी है 24 घंटे पानी के लिए जरूरी है तो उसमे सभी ने सहमति दी तो आगे काम शुरू किया है।
राज्यपाल ने कहा की यहां 150 करोड़ के पानी के लॉस में कहां से पैसा आएगा जिसमे हालत और बदतर होंगे।राज्यपाल ने कहा की की स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट था जिसमे किताब बांटी थी जागरूकता के लिए तो मैने यह बात वहां रखी और मेरे पास जब फेल आती है तो उसमे नियमो को देखते आगे अगर फैसला होता तो यह एलान करते पर उसने कुछ नही किया जिसमे कमिश्नर से भी पूछा हमने जिसमे मेने जो बोला है उसमे मेयर के खिलाफ कुछ नही बोला है और उनका आदर करते हैं ,में इनको कहा की कैसे होने दिया और अपने पास कैसे किया और बिना अनुमति के कैसे एजेंडा चर्चा हो गया जिसमे किसी तरह की मंजूरी नही दी गई।
कैबिनेट मंत्री साइन करता है तो उसके लिए पहले फेल लिखने वाला का साइन होता है जिसमे फिर एक प्रक्रिया से फेल जाति है जो सरकार का सिस्टम है यह घर की खेती नही है जिसमे सिस्टम से काम चलता है और यहां से जब मैं ग्रांट भेजता हूं तो देखता हु की कहां पैसे कैसे खर्च होगा।
राज्यपाल ने अपमान किया जब ऐसा बोलते है तो देख ले मेने कुछ गलत नही बोला जिसमे कहता हु की कायदे से करेंगे तो सुपोर्ट करूंगा अन्यथा नहीं होने दूंगा।मेरे से इंटरडियस भी करवाया फिर चाय पानी था और मेरे सोफे पर बिठाकर बातचीत की और चाय साथ में पी और इससे ज्यादा क्या सम्मान दूं।
राज्यपाल ने कहा की संसद पर गलत आरोप लगाए जो कैंसर मरीज है और इन्फेक्शन का ध्यान रखती है तो उस पर भी गलत आरोप लगाए और जनता का इंटरेस्ट मुझे बचाना होगा जिसमे चंडीगढ़ ऊपर उठ रहा है उसे और उठाना है नीचे नही जाने दूंगा।चंडीगढ़ को आगे ले जाने के लिए काम करूंगा और वेलफेयर स्कीम है उन्हे बांटे।
क्यूं जनता को धोखा दे रहे हैं मेने गरीबों के लिए लाठी खाई है और उनके लिए काम किया है मैं ऐसे नही पहुंचा यहां और राजस्थान गया काम किया लोगों ने मुझे सराहा और मेरे साथ प्रेम से मिले ,नाश्ता किया और 3 बजे तक अपमान नही था उसके बाद दिल्ली से जब फोन आया तो फिर बोले जब धमकाया की मेयर नही रहोगे तो फिर बोले और कोई स्टैंड लो जो टिकने वाला हो।मैं सचई से रहा हु ऐसा रहूंगा और मुझे ऐसे नही कोई दबा सकता और मैं अपने खाने का पैसा देता हु और जो मेरा रिश्तेदार आता है उसके पैसे देता हु और अगर बेटा आ जाए तो उसके गाड़ी के पैसे देता हु और चेक से अदायगी करता हु।
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने कहा की बायकाट की बात करते है तो मेरी 60 वर्ष की आयु हो गई मुझे क्या फर्क पड़ता है और आपको जो बुलाएगा अपने जाना है नही जाना है मुझे क्या मैं अपना जाऊंगा आप आए न आए मुझे फर्क नहीं पड़ता है।
पुरोहित ने ओह की पैसा कहां से आएगा और कैसे किया जाएगा मुझे बताए और समझाए तो क्यूं नही अनुमति दूंगा लेकिन कुछ पता तो लगे और समझाए तो सही ।पैसे है नही नही और जिसकी ग्रांट लेते हो उसके एडमिनिस्ट्रेटिव को गाली देते हो और मैं इतना साधु भी नही की जो बोलोगे सह लूंगा और अपमान कर दिया कहते हैं इसमें उदाहरण के तोर पर बताएं की गलती से कुछ पत्रकार को कह दिया था और तुरंत उसने रिएक्ट किया लेकिन ऐसे नही की बाद मैं अपमान याद आए
पत्रकारों से राज्यपाल ने कहा की आप हेडिंग चलते हो तो आप भी तो देखे क्या सही है या नही।यह किसी का अपमान नही है और मुफ्त में नही दे सकते।मेरी नजरो और आप लोगो के सामने क्या चंडीगढ़ को डूबने दू जिसमे आप लोग ही कहोगे प्रशासक क्या कर रहा था ।
आप पार्टी के आरोप पर कहा की पंजाब के साथ क्या हुआ ये सबके सामने है जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया की पत्र का जवाब देना होगा और vc कैसे लगेगा यह भी आदेश आ गए और कहते थे असेंबली मैं की मैं की vc नही लगा सकता तो नही लगा सकते क्यूंकि यूजीसी नियम है ऐसे नही चलता।में कोई नया नही सिख रहा यह मेरी 4 पोस्ट है।एक भी गलती बता दो और मैं सीनियर हूं दिशा दिखाऊंगा जो मेरी ड्यूटी भी है।सबके ।
राज्यपाल ने कहा की लोकसभा चुनाव को लेकर लोगो को बेवकूफ बनाने नही दूंगा और अपने कंधे पर बंदूक रख चलाने नही दूंगा।हमारी तरफ से इनवाइट जाता रहेगा और बच्चे तो है नही वो की कंधे पर उठा लेकर आऊं।
जिस तरह कहा गया की मेयर चुनाव के लेकर जो कुछ अनिल मसीह की तरफ से हुआ उसमे जिस तरह से रिएक्ट नही किया तो राज्यपाल ने कहा की जो मामला उसी दिन कोर्ट चला गया तो मैं नही बोल सकता मेरी शक्ति नही है कोर्ट के ऊपर।