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चौटाला का अगला लक्ष्य चुनाव मैदान में उतरना


चंडीगढ़ (अदिति) जे बी टी टीचर भर्ती घोटाले में मिली सजा पूरी कर चुके हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई के बाद हरियाणा की राजनीती में कई कयास लगाए जा रहे हैं। हालाँकि हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपने दादा और पिता को षड्यंत्र के तहत फ़साने का आरोप लगाया परन्तु विपक्ष ने श्री चौटाला की रिहाई पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी। अब चर्चा ये है किश्री चौटाला का अगला लक्ष्य चुनाव मैदान में उतरना है और कानून के अनुसार वह चुनाव लड़ भी सकते हैं बशर्ते चुनाव आयोग उनको राहत दे , लेकिन इस के लिए श्री चौटाला को एक याचिका दायर करनी पड़ेगी । चौटाला अगर याचना करें तो चुनाव आयोग चुनाव न लड़ पाने की अवधि को कम कर सकता है या उनको चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध को पूरी तरह खत्‍म कर सकता है।

ये है नियम, जिसके तहत चौटाला लड़ सकते हैं चुनाव

लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8(1) के अनुसार, रिहाई से 6 साल की अवधि तक यानी जून 2027 तक ओपी चौटाला चुनाव नहीं लड़ सकते। लेकिन, चौटाला के पास उक्त कानून की धारा-11 के तहत अपनी 6 वर्ष की अयोग्यता अवधि को कम करने या खत्म करने के लिए भारतीय चुनाव आयोग के पास अर्जी दायर करने का विकल्प है। इसके लिए 3 सदस्यीय चुनाव आयोग कानूनन सक्षम है। सितंबर 2019 में आयोग ने सिक्किम के वर्तमान सीएम प्रेम सिंह तमांग के चुनाव लड़ने के लिए लगी 6 वर्ष की अयोग्यता अवधि को घटाकर एक वर्ष एक माह कर दिया था। वे भी भ्रष्टाचार में दोषी ठहराए गए थे।

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