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पंजाब पुलिस तुरन्त कड़े कदम उठाए व जेसीबी मशीने व अन्य ऐसे संयंत्र जो बेरिकेड्स तोड़ने के लिए बॉर्डर एरिया पर हैं


किसान आंदोलन को लेकर आज पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट का सख्त रवैया नजर आया। किसान आंदोलन पर हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि, विरोध प्रदर्शन में ट्रैक्टर ट्रालियों का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है। यदि किसानों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना है, तो वे अन्य साधनों का उपयोग कर सकते हैं।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि कहीं भी लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा न हों। कोर्ट ने कहा कि कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है लेकिन यह उचित प्रतिबंधों के अधीन है।  



डीजीपी हरियाणा की तरफ भेजे पत्र जिसपर हरदीप सिंह दून के हस्ताक्षर हैं।हरियाणा के आई जी पी कानून व्यवस्था हरदीप सिंह दून ने डी जी पी पँजाब को आवश्यक पत्र लिख कर कहा है किसान आंदोलन के दौरान पँजाब की तरफ किसानों द्वारा जेसीबी मशीने व अन्य कई ऐसे संयंत्र जमा करने की जानकारी मिल रही है,जो अनुचित है व न्याय संगत नही है।पँजाब पुलिस इस संदर्भ में तुरंत सख्त से सख्त प्रिवेन्टिव कदम उठाए।ऐसे जेसीबी व अन्य सेंटर संयंत्र बॉर्डर पर एकत्रित कर बेरिकेड्स को तोड़ने की प्लानिंग का आभास होता है।जिससे पुलिस व पैरा मिलिट्री फोरसिस को भी भारी क्षति पहंचने की आशंका है।पँजाब पुलिस तुरन्त कड़े कदम उठाए व जेसीबी मशीने व अन्य ऐसे संयंत्र तुरन्त अपने कब्जे में ले व बॉर्डर एरिया से हटाए।पुलिस बल या पैरामिलिट्री फोरसिस को हार्म पहुंचाने वाले संसाधन दोनों बॉर्डर से पँजाब पुलिस हटाए।ऐसे संसाधन जो लोग मुहैया करवा रहें है उन्हें सख्ती से रोका जाए।

   डीजीपी हरियाणा की तरफ भेजे पत्र जिसपर हरदीप सिंह दून के हस्ताक्षर हैं।एक अन्य पत्र में लिखा है शम्भू व खन्नौरी बॉर्डर्स पर ऐसी जानकारियां मिल रही हैं कि बजुर्गों,बच्चों व महिलाओं को आगे रखा जा रहा है।अगर यह लोग बेरिकेडिंग तोड़ने का काम करेंगे तो मजबूरी में पुलिस को उन्हें रोकना पड़ेगा।ऐसे स्थिति में बजुर्गों,महिलाओं व बच्चों को निर्धारित सीमा से 1 किलोमीटर पीछे रोकने की व्यवस्था पँजाब पुलिस करे।

         एक अन्य पत्र में कहा गया है कि पत्रकारों को 1 किलोमीटर पीछे रोका जाए।हाल ही में एक पत्रकार को ग़मबीर चोटें भी आई है।गौरतलब है कि 21 फरवरी को किसानों ने दिल्ली कुच का एलान कर रखा है।

 

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