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पदक विजेता अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की पैंशन पर आय सीमा की लगाई शर्त हटाई जायेगीः परगट सिंह


परगट सिंह ने विभिन्न विभागों में कार्यरत खिलाड़ियों की सेवाएं खेल विभाग द्वारा लेने पर दिया ज़ोर

खेल मंत्री ने पूर्व ओलम्पियन खिलाड़ियों से स्वेच्छा से खेल विभाग में डैप्यूटेशन पर आने का किया आह्वान

राज्य में खेल समर्थकीय माहौल सृजन करने के लिए परगट सिंह ने पूर्व ओलम्पियनों के साथ की बातचीत

चंडीगढ़ (गुरप्रीत) पूर्व ओलम्पियनों की लम्बे समय से की जा रही माँग को पूरा करते हुए पंजाब के खेल मंत्री परगट सिंह ने सोमवार को पदक विजेता अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की पैंशन पर आय सीमा की लगाई गई शर्त हटाने का ऐलान किया। उन्होंने यह ऐलान आज सैक्टर-26 स्थित मैगसीपा में पुराने खिलाड़ियों के साथ की गई बैठक के दौरान किया।

परगट सिंह ने कहा कि बड़े स्टेडियम की बजाय प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने पर ज़ोर दिया जायेगा। राज्य में खेल को सुचारू तरीके से चलाने के लिए खिलाड़ियों की ही समिति बनाई जा रही है जिसमें 20 के करीब खेलों से सम्बन्धित खेल का खिलाड़ी मैंबर होगा ताकि उसके निजी अनुभवों का लाभ लिया जाये।

परगट सिंह ने कहा कि खेल के कोटे के अंतर्गत सरकारी नौकरी कर रहे खिलाड़ियों की सेवाएं खेल विभाग द्वारा ली जाएंगी जिस संबंधी सरकार नीति बना रही है। उन्होंने सभी खेलों के खिलाड़ियों को न्योता दिया जो अपनी इच्छा से डेप्यूटेशन पर खेल विभाग के साथ जुड़कर सम्बन्धित खेल की बागडोर संभाल सकें। उन्होंने इस बात की भी वकालत की कि बड़े खिलाड़ी सरकारी नौकरी ज्वाइन करते समय खेल विभाग को प्राथमिकता दें जिससे वह अपने सम्बन्धित खेल का नेतृत्व कर सकें। उन्होंने खिलाड़ियों से शिक्षा विभाग में सेवाएं देने का भी आह्वान किया जिससे छोटी आयु से ही खिलाड़ी की नींव रखी जाये।

खेल मंत्री ने तीन स्तर पर खेल अपनाने पर ज़ोर दिया जिसमें निचले स्तर पर, विशेषीकृत और सुपर विशेषकृत पर खिलाड़ी तैयार किये जाएँ। उन्होंने कहा कि राज्य के 5 लाख नौजवानों को खेल के साथ जोड़ने का लक्ष्य निश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि खेल माहौल सृजन करने के लिए कॉर्पोरेट संस्थानों, प्राईवेट कंपनियों और प्रवासी भारतीयों को भी साथ जोड़ा जायेगा।

पूर्व ओलम्पियन खिलाड़ियों ने खेल मंत्री द्वारा खेल नीति बनाने के लिए सभी पुराने खिलाड़ियों के साथ मिल बैठकर बातचीत करने की सराहना करते हुए कहा कि यह पहली बार है कि सरकार द्वारा इस तरह खिलाड़ियों के साथ मीटिंग की गई है।

मीटिंग के दौरान विभिन्न खेलों से सम्बन्धित खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों ने अपने अपने सुझाव दिए जिनमें छोटी उम्र से ही बच्चों को खेल के साथ जोड़ना, प्रशिक्षकों की तैनाती, स्कूल-कॉलेजों के शारीरिक शिक्षा अध्यापकों का खेल विभाग के साथ तालमेल करके खेल केन्द्र चलाने, स्कूलों में एक दिन बच्चों के लिए खेलों के लिए एक दिन तय करना, सरहदी क्षेत्र के खिलाड़ियों के लिए स्टेडियम बनाए जाएँ, प्रशिक्षकों को इनाम, पुराने खिलाड़ियों को हीरो के तौर पर उभारना, स्टेट से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के लिए नौकरियाँ और नगद इनाम नियमित तौर पर देने, खिलाड़ियों का स्वास्थ्य बीमा, सभी खेल स्टेडियम छुट्टी वाले दिन आम लोगों के लिए भी खोले जाएँ, पूर्व ओलम्पियनों और अवार्डियों की पैंशन पर लगी रोक हटाना आदि शामिल थे। इसके अलावा बड़े स्टेडियम बनाने की बजाय खेल मैदान जैसे कि ट्रैक, ऐस्टोट्रफ, कोर्ट आदि बनाए जाएँ फिर चाहे तैयारी के लिहाज़ से सिक्स-ए-साईड मैदान या दो/तीन गली ट्रैक ही बनाए जाएँ।

सचिव खेल अजोए शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि खेल संस्कृति पैदा करने के लिए खिलाड़ियों, युवक क्लबों और अन्य जुड़े हुए लोगों को मिलकर काम करने की ज़रूरत है। आज की मीटिंग में मिले सुझावों से विभाग को खेल नीति का खाका तैयार करने में मदद मिलेगी।

खेल विभाग के डायरेक्टर परमिन्दर पाल सिंह संधू ने स्वागती भाषण में कहा कि विभाग द्वारा खेल मंत्री के नेतृत्व में सभी पूर्व ओलम्पियनों की राय के साथ ऐसी नीति बनाई जा रही है जिसके लम्बे समय में अच्छे नतीजे सामने आएंगे।

खेल विभाग के डिप्टी सचिव किरपाल वीर सिंह ने सभी का धन्यवाद किया।

मीटिंग में द्रोणाचार्य अवार्डी हॉकी ओलम्पियन राजिन्दर सिंह सीनियर, ओलम्पियन निशानेबाज़ गुरबीर सिंह संधू, अर्जुन अवार्डी मुक्केबाज़ जयपाल सिंह, अर्जुन अवार्डी बास्केटबॉल खिलाडी सुमन शर्मा, ओलम्पियन बास्केटबॉल खिलाड़ी तरलोक सिंह संधू, अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी और ओलम्पियन प्रशिक्षक सुखबीर सिंह गरेवाल पद्मश्री एथलीट बहादर सिंह, ओलम्पियन एथलीट हरबंस कौर, भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान राजपाल सिंह, अर्जुन अवार्डी ओलम्पियन निशानेबाज़ अवनीत कौर सिद्धू, निशानेबाज़ी प्रशिक्षक तेजिन्दर सिंह ढिल्लों आदि उपस्थित थे।

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