श्री गुरु तेग़ बहादुर जी को उनके शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पंजाब के राज्यपाल और यू.टी. चंडीगढ़ के प्रशासक श्री बनवारीलाल पुरोहित ने एक संदेश में कहा कि नौवें पातशाह जी ने पूजा-अर्चना की स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा तथा मानव और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के संरक्षण हेतु अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। गुरु जी का सर्वोच्च बलिदान अत्याचार और जुल्म के खिलाफ धर्मयुद्ध का प्रतीक है।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब में श्री गुरु तेग़ बहादुर जी की बानी मानव जाति की एकता, सार्वभौमिक भाईचारे, वीरता, सच्चाई और करुणा का उपदेश देती है। गुरु जी का शहीदी दिवस उनके द्वारा प्रचारित शांति, सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के लोकाचार को बनाए रखने का एक पवित्र अवसर है। राज्यपाल ने कहा कि सच्ची भावना से महान गुरु जी की शिक्षाओं का पालन करना ही उनके प्रति हमारी असली श्रद्धांजलि होगी।
राज्यपाल ने लोगों से इस पवित्र अवसर को सामूहिक रूप से एकजुट होकर मनाने की अपील की।