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भारत के उपराष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार की करी प्रशंसा


भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज के संतों एवं महापुरुषों को याद करने की जो पहल प्रदेश सरकार ने की है, वह अपने आप में प्रशंसनीय है। सरकार की इस पहल से ऐसा वातावरण बना है कि आज सभी नागरिक संतो के विचारों व शिक्षाओं का आदर करते हुए समाज को सही दिशा में आगे बढ़ाने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। श्री जगदीप धनखड़ आज कैथल के धनोरी गांव में संत शिरोमणि श्री धन्ना भगत जी की जयंती के अवसर पर आयोजित राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे समारोह में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुदेश धनखड़ जी भी विशेष तौर पर उपस्थित रहीं। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन श्री सुभाष बराला, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री ओपी धनखड़ सहित कई गणमान्य अतिथि एवं संत समाज के लोग उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति ने जींद में श्री धन्ना भगत के नाम पर मेडिकल कॉलेज और धनौरी गांव में महिला कॉलेज की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनकी हरियाणा की पहली यात्रा दीनबंधु सर छोटू राम जी के स्थान से हुई थी और आज का यह दिन उनके लिए सदैव स्मरणीय रहेगा।


उन्होंने कहा कि श्री धन्ना भगत जी के विचारों का उल्लेख गुरु ग्रंथ साहिब में मिलता है। इसलिए आज यह हर नागरिक का उत्तरदायित्व है कि वह उनके विचारों को अपनाकर समाज निर्माण में योगदान दें।


उन्होंने कहा कि आज अपना देश बदल रहा है। राम मंदिर बन रहा है। लोग कहते थे कि तारीख कब बताओगे, क्या यह कभी संभव होगा, आज यह संभव हुआ है। इतना ही नहीं, मंदिर भारतवर्ष की संस्कृति के अनुरूप सही प्रक्रिया से बन रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को संतो का सानिध्य मिल रहा है, यह दुनिया के किसी देश में नहीं है। हमारे संत हमारी सांस्कृतिक विरासत को पूरी तरह से संजोए रखे हुए हैं और हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं।


*दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा आज जितनी है उतनी कभी नहीं थी*


श्री धनखड़ ने कहा कि आज के दिन देश में वह सब हो रहा है, जिसकी कल्पना कभी नहीं की गई थी। दुनिया में भारत की जो प्रतिष्ठा आज है, उतनी पहले कभी नहीं थी। आज भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था में पांचवें नंबर पर है। भारत को यहां लाने में किसान और मजदूर का बहुत बड़ा योगदान है। इस दशक के अंत तक भारत की दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।

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