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मंत्रिमंडल द्वारा कॉलेजों में 1925 सहायक प्रोफेसरों की सेवाओं को रेगुलर करने की मंज़ूरी


फैसले का उद्देश्य मानक शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाने और अध्यापन के लिए स्टाफ को प्रोत्साहित करना

चंडीगढ़, (गुरप्रीत) राज्य में उच्च शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाने और शिक्षण के लिए स्टाफ में उत्साह बढ़ाने के लिए मंत्रिमंडल ने राज्य के सहायता प्राप्त कॉलेजों में नॉन-टीचिंग स्टाफ और विभिन्न विषयों में खाली पदों पर नियुक्त 1925 सहायक प्रोफेसरों की सेवाओं को रेगुलर करने की मंज़ूरी दे दी है।

इस संबंधी निर्णय आज शाम यहाँ पंजाब भवन में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार राज्य के सहायता प्राप्त कॉलेजों में 1925 खाली पद तीन वर्षों के लिए ठेके के आधार पर चरणबद्ध तरीके से 15600+6000=21600 रुपए की मूल वेतन पर भरने की मंज़ूरी दी गई थी। इसके बाद मूल्यांकन समितियों द्वारा इनके कार्य के मूल्यांकन के आधार पर उनके मामले रेगुलर करने के लिए विचार किया गया था। इन सहायक प्रोफेसरों के सेवाकाल के तीन साल मुकम्मल होने पर उनके कार्य और कारगुज़ारी का मूल्यांकन मनोनीत मूल्यांकन समितियों द्वारा किया गया और इस समिति द्वारा उनकी सेवाओं को रेगुलर करने के लिए सिफ़ारिश की गई।


दोआबा क्षेत्र में दो सरकारी डिग्री कॉलेजों को मंज़ूरी


दोआबा क्षेत्र में उच्च शिक्षा मुहैया करवाने के लिए मंत्रिमंडल ने जालंधर और शहीद भगत सिंह नगर जिलों में दो नए सरकारी डिग्री कॉलेज खोलने की मंज़ूरी दे दी है। इस फ़ैसले के मुताबिक जालंधर जि़ले में आदमपुर में महान शख्सियत कांशी राम के नाम पर नया डिग्री कॉलेज खोला जाएगा, जिसका शैक्षणिक सत्र एक जुलाई, 2022 से शुरू होगा जबकि दूसरा सरकारी डिग्री कॉलेज शहीद भगत सिंह नगर जि़ले में बंगा के गाँव सरहाल रनूआं में खोला जाएगा।

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