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त्रिलोकनाथ मंदिर के प्रांगण से मणिमहेश यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं


लाहौल: त्रिलोकनाथ मंदिर के प्रांगण से मणिमहेश यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को विधायक रवि ठाकुर ने आज रवाना किया । इस अवसर पर उन्होंने कहा यह पवित्र मंदिर हिंदुओं और बौद्धों के द्वारा समान रूप से सम्मानित है। हिंदुओं को त्रिलोकनाथ देवताओं को लोड शिव के रूप में माना जाता है। जबकि बौद्ध देवताओं को आर्य अवलोकितेश्वरा , तिब्बती भाषा बोलने वाले लोगों को गरजा कहते हैं । मंदिर की विशिष्टता इस तथ्य में निहित है कि यह पूरी दुनिया में एकमात्र मंदिर है जहां दोनों धर्म के लोग हिंदू और बौद्ध एक ही देवताओं को अपना सम्मान देते हैं उन्होंने कहा मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं पूरे जिला लाहौल स्पीति तथा प्रदेश भर में सुख समृद्धि और शांति बनाए रखें यही मेरी भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना है पोरी मेले के आखिरी दिन रविवार को सैकड़ों मणिमहेश यात्रा के श्रद्धालुओं को त्रिलोकी नाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद लोगों ने जयकारों के साथ विदाई दी। हर वर्ष सैकड़ों शिव भक्त मणिमहेश झील में पवित्र स्नान इच्छा से राशेल तथा कुगति दर्रे से 5 दिन लगातार पैदल यात्रा कर झील में पहुंचते हैं । लाहुली जन समुदाय में भगवान शिव के प्रति अपार श्रद्धा है। और यह यात्रा डढी यात्रा के नाम से प्रसिद्ध है । यात्रा के श्रद्धालु पहले दिन खोड़देव पघर पहुंचकर शिव वे दुर्गा माता की पूजा के बाद अलियास में रात्रि विश्राम करते हैं। तीसरे दिन ग्रेचू नामक चढ़ाई पार करके कुगति जोत होकर केंलिग वज़ीर पहुंच कर विश्राम करते हैं। पूरे यात्रा मार्ग में यात्री कैलाशपति की जय माता मराली की जय खोलूडुवासी की जय जोता वाली की जै ऊंचे कैलासा की जय आदि जय उद्घोष के साथ अपनी थकान को भूल कर लगातार आगे बढ़ते जाते हैं। चौथे दिन दुर्गम हिमछणिडत नालों पहाड़ियों व ग्लेशियरों के ऊपर से हनुमान शीला में ठहराव होता है तथा पांचवा दिन गोराजा चौगान व डंडी का दर्रा होते हुए सब श्रद्धालु मणिमहेश झील पहुंचते हैं झील में स्नान के बाद श्रद्धालु उसी मार्ग से वापस हो सकते हैं कुछ श्रद्धालु सड़क मार्ग से भरमौर चंबा होकर अपनी वापसी करते हैं इस मौके पर उपायुक्त जिला लाहौल सपीति राहुल कुमार पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी उपमणडल अघिकारी केलागं रजनीश शर्मा तथा मेला कमेटी अध्यक्ष एवं उपमंडल अधिकारी नागरिक उदयपुर केशव राम तथा त्रिलोकीनाथ मंदिर की कमेटी के प्रधान मंदिर के पुजारी विभिन्न विभागों के विभाग अध्यक्ष सहित उपस्थित थे

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