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मठ मंदिर की झांकियों के जरिए भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से नई पीढ़ी को भारत की अनमोल धरोहर संस्कृति


चण्डीगढ़ : श्री चैतन्य गौड़ीय मठ, सेक्टर 20 में ट्राईसिटी की प्रसिद्ध जन्माष्टमी की झांकियों एवं मेले का उद्घाटन आज भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय टंडन द्वारा किया गया। संजय टंडन ने अपने संबोधन में उपस्थित भक्तों को कहा कि इन झांकियों के जरिए भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से हमारी नई पीढ़ी को भारत की अनमोल धरोहर संस्कृति के प्रति जागरूकता एवं संस्कार उत्पन्न होते हैं। मठ के प्रवक्ता जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि अखिल भारतीय श्री चैतन्य गौड़ीय मठ के वर्तमान आचार्य एवं अध्यक्ष श्री दंडी स्वामी भक्ति विचार विष्णु जी महाराज जी के सानिध्य में पूरे इस प्रोजेक्ट का संचालन हुआ। पिछले तीन महीनों से जन्माष्टमी झांकियों की चल रही तैयारियों का विधिपूर्वक एवं हर्षोल्लास वातावरण में आज उद्घाटन के पश्चात साधारण जनता के दर्शन के लिए लिए खोल दिया गया। अब यह झांकियां प्रतिदिन 5.00 बजे से लेकर रात्रि 11.00 बजे तक प्रदर्शित की जाएगी। इन झांकियों में विशेष रूप से भगवान श्री नरसिंह देव का अवतार की लाइट एंड साउंड डार्क रूम में प्रदर्शित झांकी बहुत ही आकर्षक है। इसके अतिरिक्त भगवान श्री कृष्ण जी का मथुरा कारागार में अवतार, वासुदेव जी का भगवान कृष्ण को यमुना पार गोकुल ले जाना, गोकुल में भगवान कृष्ण की गौशाला, तृणावत राक्षस का उद्धार, लड्डू गोपाल जी का झूला, विदेश की धरती पर मठ के प्राकृतन आचार्य श्री भक्त वल्लभ तीर्थ गोस्वामी जी महाराज जी द्वारा विदेश में प्रचार की झांकी प्रदर्शित की गई। झांकियों को बनाने के लिए लगातार 3 महीनों से लगभग 36 कार्यकर्ता, जो कि बिहार व बंगाल से आए हुए थे , ने इसको बनाने में सहयोग किया। इन झांकियों को बनाने में 20 से 25 लाख रुपया अनुमानित खर्च आया है। इसके साथ ही विदेशी एवं हिमाचल के फूलों से मंदिर को मनमोहक आकर्षक ढंग से सजाया गया है, जो कि जनता के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मठ मंदिर को इस पावन पर्व के उपलक्ष पर दुल्हन की तरह सजाया गया है। श्री चैतन्य गौड़ीय मठ में जन्माष्टमी का महोत्सव 7 सितंबर को बहुत ही हर्षोल्लास एवं विधिपूर्वक धूमधाम से मनाया जाएगा। उस दिन सुबह मंगल आरती के पश्चात प्रभातफेरी निकाली जाएगी। तत्पश्चात पूरा दिन भगवान श्री कृष्ण जी की लीलाओं पर प्रवचन चलता रहेगा। रात्रि को 12:00 बजे भगवान का पंचामृत से महाभिषेक किया जाएगा। भगवान को अभिषेक के पश्चात बहुत ही आकर्षक वृंदावन की शैली में पोशाक एवं आभूषण भेंट किए जाएंगे। इसके पश्चात 111 व्यंजनों का महा भोग लगाया जाएगा।

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