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हर जीव मूलत: सनातन का ही स्वरुप - शास्त्री


कथा के छठे दिन शास्त्री जी ने भक्तों को भागवत जी का महत्व बतलाते हुए कहा की भागवत भगवान विश्व के संपूर्ण मानव जीव जंतुओं एवं ब्रह्मांड में उपस्थित समस्त तत्वों का मंगलही मंगल करती है तथा सनातन धर्म के महत्व को उजागर करती है हर जीव मूलत: सनातन का ही स्वरुप है। सनातन के बिना इस विश्व की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती है। आज के युग में जो सनातन धर्म के विषय में नहीं जानते उस अज्ञानी जीवों का कल्याण असंभव है। सनातन अनादि काल से पृथ्वी पर उपस्थित है चारों युगों में सतयुग, द्वापर, त्रेता, और कलयुग में भी यह अमिट है। कई आक्रांताओं ने इसे मिटाने की चेष्टा की परंतु वहां सफल नहीं हुए क्योंकि सूर्य, चंद्रमा, जलवायु, अग्नि यह सब सनातन के ही प्रतीक है। जैसे इनके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं है ठीक उसी प्रकार सनातन धर्म के बिना किसी का कोई अस्तित्व नहीं है। हमारे सभी प्राचीन ग्रंथो में रामायण महाभारत एवं 18 पुराणों में सनातन धर्म की विस्तृत व्याख्या की गई है यह एक जीवन पद्धति है जो विश्व के संपूर्ण समाज को ज्योति समाज को दिशा प्रदान करता है। आज की कथा में शिव धाम कमेटी सैक्टर 40 बी के अध्यक्ष डॉ०मनीष शर्मा तथा प्रधान श्रीमती प्रेमलता जी के साथ में कमेटी के समस्त सदस्यगण कथा श्रवण करने पधारे जिनका मंदिर सभा की ओर से भव्य स्वागत करते हुए दुशाला और हार पहना कर सम्मानित किया गया । इनके अतिरिक्त सैक्टर 35 सी के श्री राम मंदिर से वरिष्ठ अधिकारी श्री ओम पी शर्मा जी एवं के एल मदान जी तथा सुंदर काण्ड महिला मंडली की प्रधान श्रीमती कृष्णा माता समस्त मंडली साथ पधारी उनका भी सभा ने स्वागत किया। इसके साथ ही पार्षद श्री दमनप्रीत सिंह जी एवं श्रीमती प्रेमलता जी ने महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त किया ।

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